पुरूषों में बालों के झड़ने के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
बालों के झड़ने के विभिन्न प्रकार होते हैं और गंजापन उनमें से सबसे आम प्रकार है तथा यह एक बड़ी चिन्ता का कारण है. गंजेपन को एलोपेसिया भी कहा जाता है. गंजेपन की स्थिति में सिर के उस स्थान से बाल गायब हो जाते हैं जहां सामान्य तौर पर उन्हें उगना चाहिए. यह किसी बीमारी या सामान्य बायोलॉजिकल प्रक्रिया के कारण हो सकती है. हम यहां बालों के झड़ने के कुछ सबसे आम प्रकारों का उल्लेख कर रहे हैं, जो कि हम डॉक्टर के रूप में दिन-प्रतिदिन देखते हैं.
- टेलोजन एफ्लुवियम
टेलोजन एफ्युवियम बालों के अस्थायी रूप से झड़ने का एक प्रकार है. यह समस्या बालों के वृद्धि चक्र में बदलाव के कारण उत्पन्न होती है. इसमें एक ही समय में काफी सारे बाल झड़ने/गिरने लगते हैं. बालों के झड़ने का यह प्रकार अचानक पैदा हो सकता है तथा यह इतना गंभीर होता है कि बाल थोड़े ही समय में पतले हो सकते हैं और उनकी वृद्धि धीमी पड़ सकती है साथ ही यह समस्या लंबे समय तक जारी रह सकती है.
- एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (एजीए)
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया बालों के झड़ने का एक जेनेटिक प्रकार है और उसे पुरूषों तथा स्त्रियों दोनों में देखा जाता है. पुरूषों में इसे मेल पैटर्न्ड बाल्डनैस (एमपीबी) तथा स्त्रियों में फीमेल पेटर्न्ड बाल्डनैस (एफपीबी) कहा जाता है. इस प्रकार से बालों का झड़ना बीस वर्ष की उम्र में भी शुरू हो सकता है. इसमें हेयरलाइन घटने लगती है तथा गंजापन पहले क्राउन में देखा जा सकता है जिससे पुरूषों में सिर के पीछे की तरफ तथा किनारों पर बाल एक पट्टी के रूप में बचे रहते हैं. स्त्रियों में, पुरूषों की तरह पूरे गंजेपन की नौबत नहीं आती है. स्त्रियों में सिर से बाल विभाजक रेखा से कम होने लगते हैं. प्रभावित हिस्सा ‘क्रिसमस ट्री’ की तरह नजर आता है समय पर उपचार इस समस्या को गंजेपन की तरफ बढ़ने से रोक सकता है.
- एलोपेसिया अरेटा
एलोपेसिया अरेटा गुच्छों में बालों के झड़ने का एक सबसे आम प्रकार है. यह समस्या सिर के छोटे हिस्से में गंजेपन के रूप में उभरती है. यह अचानक और काफी कम समय में पैदा हो सकता है. गुच्छों में बालों का झड़ना कोई जानलेवा समस्या नहीं है, मगर यह किसी व्यक्ति की अपनी छवि को काफी क्षति पहुंचा सकता है. एलोपेसिया अरेटा एक ऑटोइम्यून दशा है, जिसमें सफेद रक्त कोशिकाएं (डब्ल्यूबीसी) बालों के फॉलिक्यूल्स पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देती है. इससे बाल तेजी से झड़कर गंजेपन के पैच बना देते हैं. एलोपेसिया अरेटा संक्रामक नहीं है तथा यह दूसरों की कंघी या ब्रश का इस्तेमाल या प्रभावित व्यक्ति से संपर्क से नहीं फैलता है. यह हर उम्र के स्त्री व पुरूषों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है.
- स्क्रैरिंग एलोपेसिया
त्वचा में निशान पड़ने पर, त्वचा में रोम कूप (फॉलिकल्स) की जगह स्थायी रूप से निशान वाले टिश्यू ले लेते हैं. इसे स्क्रैरिंग हेयर लॉस या सिसाट्रिकल एलोपेसिया के नाम से जाना चाता है. ऐसे हिस्सों में बालों की हानि स्थायी तथा अपूरणीय होती है. स्कैरिंग हेअर लॉस यानी निशान के साथ बालों का झड़ना हर उम्र के स्त्रियों तथा पुरूषों में देखा जा सकता है. कुछ मामलों में, यह स्थिति धीरे-धीरे उत्पन्न होती है, जबकि अन्य मामलों में सिर पर चोट लगने के पश्चात यह स्थिति तुरन्त उभर आती है यह दशा आम तौर पर तब पैदा होती है जब बालों के फॉलिकल नष्ट हो जाते हैं और उनका स्थान स्कैर टिश्यू ले लेते हैं सरल शब्दों में कहें तो सिर पर कोई चोट या संक्रमण स्कैर टिश्यू पैदा कर सकती है. ऐसे में स्कैरिंग बालों का झड़ना किसी केमिकल रिलेक्सर्स, पर्म्स तथा हेयर कलर सिमें ब्लीच हो, के इस्तेमाल से उत्तेजित हो सकता है.
स्कैरिंग बालों का झड़ना को उत्तेजित करने वाली त्वचा की कुछ दशाएं ये हो सकती हैं:
- लिचेन प्लानोपिलरिस: इस दशा की पहचान बैंगनी, उठे हुए, खुलजीदार, ऊपर से फ्लैट घाव के रूप में की जा सकती है, जो भरने पर घाव छोड़ जाते हैं.
- डीएलई: (डिस्कॉयड लुपुस एरिथेमाटॉसुस): इस स्थिति की पहचान त्वचा में काले व पीले सफेद अनियमित पैचेज के रूप में की जाती है, जहां, लाली, पपड़ियों, निशानों के साथ बाल रहित रोमकूप (फॉलिकल्स) नज़र आते हैं.
- केरिऑन: सिर पर उभरे हुए स्पॉन्जी घाव, जिनसे मवाद बहता है. रोमकूपों में फंगल संक्रमण के कारण ये पैदा होते हैं.
- इन्वॉलुशन / सेनिल एलोपेसिया
इन्वॉल्यूशन एलोपेसिया या सेनिल एलोपेसिया का सबसे अच्छा उदाहरण है बुढ़ापे में बालों का झड़ना. यह एक स्वाभाविक दशा है जब रोमकूप विश्राम की दशा में रहते हैं तथा बालों का बढ़ना भी धीमा पड़ जाता है और बालों का घनापन घट जाता है.
- एलोपेसिया प्रीमैच्युरा
एलोपेसिया प्रीमैच्युरा एक ऐसी दशा है जिसमें 15-16 वर्ष के लड़के अपनी बढ़ती उम्र के साथ गंजापन महसूस करने लगते हैं.
होम्योपैथी के उपचार
- होम्योपैथिक औषधियां बालों के झड़ने में असरदार साबित होती हैं तथा इनके कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होते हैं.
- होम्योपैथिक औषधियां को आपके तथा आपके पूर्व रोग-इतिहास के आधार पर चुना एवं व्यैक्तिक रूप दिया जाता है.
- होम्योपैथी बालों के झड़ने के निहित कारणों जैसे कि एनीमिया, थाइरॉइड आदि का असरदार तरीके से उपचार करती है, जिससे बालों के झड़ने पर रोक लगती है.
- इसका इस्तेमाल आसान और सुरक्षित है.
- होम्योपैथी बालों के झड़ने की शारीरिक-मानसिक औषधि है. होम्योपैथी केवल शारीरिक समस्याओं का ही उपचार नहीं करती है, बल्कि यह मानसिक कारणों पर भी लक्षित होती है तथा सौम्यता के साथ शारीरिक व मानसिक संतुलन को फिर से बनाती है, और इस प्रकार रोगी का समग्र रूप से उपचार करती है. यह विशेषता होम्योपैथी को मानसिक समस्याओं जैसे कि तनाव से संबंधित बालों का गुच्छों में झड़ना (एलोपेसिया अरेटा), बालों का खींचने का विकार (ट्राइकोटिलोमानिया) या तनाव के कारण बालों का बुरी तरह झड़ना आदि का अतिउत्तम समाधान बनाती है.