एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस - एक नज़र
एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस क्रॉनिक आर्थराइटिस का एक रूप है जो आमतौर पर सबसे अधिक पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। यह एक सूजनकारी रोग है जो मरीज की रीढ़ की हड्डी के कुछ कशेरुकों के एक साथ जुड़ जाने का कारण बन सकता है। यह जुड़ाव रीढ़ की हड्डी को कम लचीला बनाता है जिसके परिणामस्वरूप एक कूबड़ की मुद्रा बन सकती है। इसके कारण प्रभावित भाग में दर्द, जकड़न तथाचलने-फिरने में परेशानी आ सकती है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द और जकड़न सुबह में जगने तथा लंबे समय तक बैठने के बाद ज्यादा होता है। शुरूआत में चलने-फिरने में दर्द होता है। लगातार चलते-फिरते रहने से दर्द कम हो जाता है। प्रभावशाली उपचार से दर्द को कम करना, लक्षणों को नियंत्रित रखना तथा बीमारी को बिगड़ने से रोकना संभव होता है।
एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण को बहुत अच्छी तरह समझा नहीं गया है, लेकिन ऐसा माना जाती है कि यह बीमारी परिवारों में फैलती है। एक अन्य सामान्य पहलू एचएलए-बी27 नामक जीन की उपस्थिति है जो जन्म से मौजूद रहता है।
यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पायी जाती है। यह आम तौर पर किशोरावस्था में शुरू होती है और व्यक्ति की उम्र के 30 के दशक तक बनी रहती है। पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित करने के अलावा यह बीमारी अन्य जोड़ों तथा शरीर के अन्य भागों जैसे आँखों, फेफड़ों, दिल के साथ-साथ पाचन प्रणाली को भी प्रभावित कर सकती है।