एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस - उपचार
निजी तौर पर ध्यान देने के पारंपरिक होम्योपैथिक दृष्टिकोण को एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित रोगियों के लिए सबसे अच्छा उपचारात्मक दृष्टिकोण माना गया है। इस दृष्टिकोण में रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों का अध्ययन करना शामिल है जिसमें यह देखा जाता है कि एक ही बीमारी से पीड़ित अलग-अलग रोगियों के लक्षण किस तरह अलग अलग होते हैं। उपचार की अवधि लंबी हो सकती है, लेकिन होम्योपैथिक उपचार शुरू करने के चार से छः सप्ताह में ही सकारात्मक परिवर्तन देखे जाते हैं। उपचार के परिणाम उस अवस्था पर निर्भर करते हैं जिसमें रोगी ने होम्योपैथिक उपचार का चुनाव किया है। ऊतकों को होने वाले नुकसान का दायरा काफी हद तक होम्योपैथिक उपचार का परिणाम निर्धारित करेगा। होम्योपैथिक दवाइयां सुरक्षित, प्राकृतिक दवाइयां होती हैं जिनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और लंबे समय तक सुरक्षित तरीके से ली जा सकती हैं।
डॉ. बत्रा ही क्यों?
एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक चिरकालिक, प्रगतिशील बीमारी है जो बढ़ते समय के साथ शरीर की कई प्रणालियों और अंगों को प्रभावित करती है। डॉ. बत्रा® के यहां, हमारे पास होम्योपैथी के साथ-साथ संधिवातीयशास्त्र के विशेषज्ञ भी उपलब्ध हैं। हम एक टीम के रूप में काम करते हैं और रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभावित परिणाम के साथ उपचार की योजना बनाते है। मामलों का गहराई से अध्ययन किया जाता है और विस्तृत परामर्श किया जाता है।
अपने संधिवातीयशास्त्र विशेषज्ञों के साथ, हमने संधिवातीयशास्त्र के अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित किये हैं। उपचार पर रोगी की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करने के लिए हम दर्द के पैमाने के उद्देश्यपूर्ण मापदंडों का भी पालन करते हैं।
डॉ. बत्रा® दस यहांएंकायलूजिंगस्पॉन्डिलाइटिस के उपचार से क्या उम्मीद रखनी चाहिए?
- दर्द पर नियंत्रण
- जोड़ों की जकड़न में सुधार
- थकान, कमजोरी, खून की कमी जैसे सामान्य लक्षणों में सुधार
- ताकत में सुधार
- अगर आप पहले से स्टेरॉयड जैसी एलोपैथिक दवाओं पर निर्भर हैं तो कुछ समय के बाद इनके इस्तेमाल में कमी आ जाती है