डॉ. बत्रा® की कहानी
डॉ. मुकेश बत्रा अकेले ही भारत में मॉडर्न होम्योपैथी के पथ प्रदर्शन के लिए ज़िम्मेदार हैं।
1973 में जब वे मेडिसन में ग्रेजुएट हुए, तब होम्योपैथी को एक प्राचीन कला एवं धार्मिक चिकित्सा से थोड़ा बेहतर समझा जाता था, और इसकी प्रैक्टिस मुख्यतः सेवानिवृत एवं अव्यवसायी लोग शौक़िया तौर पर करते थे। हालांकि, जल्दी ही होम्योपैथी के इलाज के महत्व को समझ कर उन्होंने इसे मानकीकृत करने और पारंपरिक चिकित्सा के बराबर लाने की चुनौती स्वीकार की। उन्होंने होम्योपैथी को सशुल्क एवं पेशेवर सेवा के रूप में वैधता भी दिलायी।
काफी हद तक उनकी उद्यमी साहस, निष्ठा, दूरदर्शिता एवं चिकित्सकीय कौशल की वजह से ही आज होम्योपैथी को एक आधुनिक, प्रगतिशील, सक्षम और प्रभावशाली चिकित्सा विज्ञान के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने न केवल दुनिया के सबसे बड़े होम्योपैथी क्लिनिक की स्थापना की है बल्कि इस सुरक्षित और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के फ़ायदों को पथ-प्रवर्तक व्यावसायिक एवं परोपकारी पहल के माध्यम से देश भर में फैलाया है।
डॉ. बत्रा® की पहल सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, उन्होंने होम्योपैथी को दुनिया भर में स्वीकृति एवं वैधता दिलाने के लिए निरंतर प्रयास किया है। वे इस चिकित्सा पद्धति को मॉरीशस में वैधता दिलाने में सहायक बने, जहाँ उन्होंने कंपनी के पहले होम्योपैथी क्लिनिक की स्थापना की। मॉरीशियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने डॉ. मुकेश बत्रा के जीवन पर एक वृत्तचित्र बनाया है जिसे प्राइमटाइम टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था। उन्होंने मध्य-पूर्वी देशों में भी होम्योपैथी को सफ़लतापूर्वक पहुंचाने का काम किया।
मानकीकरण की चुनौती पर विजय पाना भी डॉ. मुकेश बत्रा की उपलब्धियों में से एक है, ख़ास तौर पर जब भारत में स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, मूल्य निर्धारण या उपचार प्रक्रियाओं में अन्यथा कोई मानकीकरण नहीं है। डॉ. बत्रा® ने भारत तथा विदेश के अपने सभी क्लिनिकों में संपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं, दवाइयों और इलाज में मानकीकरण हासिल किया है।
डॉ. बत्रा® का इलाज प्रशिक्षण और प्रक्रियाओं के माध्यम से मानकीकृत होता है, जिसका सभी चिकित्सक ढृढ़तापूर्वक पालन करते हैं। चिकित्सकीय ऑडिट विभाग भी नियमित रूप से उपचारों का परीक्षण करता है। दवाइयां अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार अनुमोदित विक्रेताओं से केंद्रीय स्तर पर ख़रीदी जाती हैं और हर क्लिनिक को भेजी जाती हैं। किसी भी क्लिनिक को स्थानीय दवाएं खरीदने की अनुमति नहीं दी जाती है।
आज डॉ. मुकेश बत्रा के नेतृत्व में डॉ. बत्रा® हेल्थकेयर स्वयं डॉ. बत्रा द्वारा अकेले मुंबई में संचालित एकमात्र क्लिनिक से बढ़ कर भारत, दुबई, इंग्लैंड और बंग्लादेश के 122 शहरों में 230 क्लीनिकों तक पहुंच गया है जहां 350 चिकित्सक और 2000 कर्मचारी कार्यरत हैं, इन क्लीनिकों में अब तक 10 लाख से अधीन मरीजों का इलाज किया गया है। इसके अंतर्गत व्यक्तिगत उत्पाद के ब्रैंड (50 SKUs), 63 से अधिक फ्रेंचाइजी, एक मीडिया हाऊस जो भारत की पहली होम्योपैथी और जीवनशैली पत्रिका प्रकाशित करता है, नई दिल्ली में जानवरों के लिए कार्यरत एक अस्पताल और चिकित्सकों के लिए एक प्रशिक्षण अकादमी शामिल है।
डॉ. बत्रा® के मरीजों में राज्यों के प्रमुख जैसे मॉरीशस के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री, भारत के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री, शीर्ष उद्योगपति, प्रमुख कलाकार, फ़िल्मी सितारे और गायक शामिल हैं।
इस कंपनी के संपूर्ण इतिहास में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं हमेशा से एक प्रमाण चिह्न रही हैं। यह कंपनी भारत में होम्योपैथी के प्रति सोच में बदलाव लाते हुए एक मार्गदर्शक सितारे की भूमिका निभाने में कामयाब रही है। इसने भारत को विश्व के होम्योपैथिक नक्शे पर लाने में अग्रणी भूमिका निभाई है।