बिना किसी साइड-इफ़ेक्ट के बालों के झड़ने की समस्या का इलाज करें।
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खोपड़ी के सोरायसिस का इलाज

होम्योपैथी ही क्यों?

खोपड़ी के सोरायसिस का इलाज करने के परंपरागत उपायों में एंटी-डैंड्रफ़ शैम्पू, इम्यून-सप्रेसेंट शैम्पू और स्किन-सॉफ़्टनर का इस्तेमाल करना शामिल हैं। हालांकि, इस तरह के अधिकांश मामलों में अस्थायी नतीजे ही देखे गए हैं। इस तरह के उपायों से बीमारी के फ़िर से उभरने का ख़तरा तो होता ही है, खोपड़ी की त्वचा को भी हानि पहुंचती है।

होम्योपैथी चिकित्सा दीर्घकालिक परिणाम देने वाली होती है। यह माँग के छोटा होने और बीमारी के दुबारा होने के अवसरों को भी कम कर देती है।

अंतरराष्ट्रीय अध्ययन

युनाइटेड किंगडम और जर्मनी में किए गए चिकित्सकीय अध्ययन के अनुसार होम्योपैथी चिकित्सा लेने वाले 81 से 97% सोरायसिस के मरीजों में किसी दुष्प्रभाव के बिना काफ़ी सुधार देखा गया है।

यूरोपियन अकादमी के डर्मोटोलॉजी और वेनेरियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि होम्योपैथी इलाज से सोरायसिस के मरीज़ों के जीवन स्तर में काफ़ी बदलाव देखा गया और उनके सोरायसिस के लक्षणों में कमी पाई गई।

डॉ. बत्रा™ क्यों?

बालों का गिरना एक ऐसी समस्या है जिसके इलाज के लिए व्यक्तिगत पहल की आवश्यकता होती है। इलाज का चयन इस आधार पर किया जाता है कि बालों के गिरने की दर कितनी है, गंजापन कितना हावी है और बालों तथा खोपड़ी की त्वचा की स्थिति कैसी है।

डॉ. बत्रा में हम हर मरीज़ का इलाज उसकी बीमारी के हिसाब से करते हैं। हमारे चिकित्सक एक वीडियो-माइक्रोस्कोपी जांच करवाते हैं और उसके बाद मरीज की व्यक्तिगत अपेक्षाओं और ज़रूरतों के अनुरूप सबसे उपयुक्त इलाज की योजना बनाई जाती है।

इलाज में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. लकड़ी के लैम्प के नीचे खोपड़ी की त्वचा का मुआयना किया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि खोपड़ी में कोई फंगस संक्रमण तो नहीं है और उसे अन्य बीमारियों से अलग करके देखा जा सके।
  2. विश्लेषण के हिसाब से प्राकृतिक होम्योपैथी दवाओं की सिफारिश की जाती है ताकि निम्नलिखित प्रभाव आ सकें:
    • खुजली कम हो;
    • पपड़ी जमना कम हो;
    • उसकी सघनता में कमी आए;
    • बार-बार होने की शिकायत और अवधि में कमी आए;
    • फैलाव रुके;
    • रात को नींद न आने की समस्या पर रोक लगे;
    • भावनात्मक रूप से जो चीज़ें बहुत प्रभावित करती हैं, उन्हें सुधारा जा सके।
  3. हम छिपी हुई इन बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अवसाद को भी नियंत्रित करते हैं और स्वयं की छवि सुधारने में मदद करते हैं।
  4. 4. होम्योपैथी की दवाएं बहुत प्रभावशाली ढंग से तनाव से निपटने में मददगार होती हैं, सामाजिक रिश्तों को सुधारती हैं और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करती हैं।

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