सेबोरोइक डर्मेटिटिस - एक नज़र
रूसी, खोपड़ी की पपड़ी दार त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है। यह त्वचा से जुड़ी बहुत ही सामान्य स्थिति है (विश्व कीलगभग 40% आबादी इससे प्रभावित होती है), यदि बालों के झड़ने और मुंहासों (दानों) की समस्या को छोड़ देंतो यह अपेक्षा कृत हानिकारक नहीं है। शोध बताते हैं कि रूसी से बालों की उम्र कम हो जाती है जिस से बालझड़ने लगते हैं।
जहां किशोरों और वयस्कों में इस बीमारी को रूसी के नाम से जाना जाता है, शिशु ओं में इस समस्या को क्रैडल कैप कहते हैं।
रूसी अपने आपमें कोई बीमारी नहीं है क्योंकि इससे जान को कोई ख़तरा नहीं होता है। हालांकि, इसके कारण होने वाली खुजली, सफ़ेद पपड़ी न केवल झुंझला हट पैदा करती है बल्कि कई बार भावनात्मक दबाव का कारक भी बनतीहै।
रूसी की वजह से किसी की भी भावनाओं, व्यक्तिगत आकर्षण, आत्मविश्वासको और इसके बढ़ने से सामाजिक जीवन को हानि पहुंचती है। काफ़ीत हदतक जिनके बालों में रूसी की समस्या होती है ऐसी स्त्री की ओर पुरुष और ऐसे पुरुषों की ओर स्त्रियां कम आकर्षित होती हैं।
सेबोरोइकडर्मेटिटिस रूसी का एक गंभीररूप है। इस त्वचारोग की वजह से खोपड़ी की त्वचा, चेहरे और शरीर के कुछ भागों में जलन होने लगती है। इसकी वजह से त्वचा खास कर परत दार, पपड़ी वाली और खुजला हटभरी हो जाती है। सेबोरोइकडर्मेटिटिस के कुछ लक्षण निम्न लिखित हैं :