ल्यूकोरिया - होम्योपैथी निदान
क्लिनिकल रिसर्च सेंटर, पश्चिम बंगाल में किए गए अध्ययन में ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) के मामलों में इलाज का सफल परिणाम देखा गया है।
पारंपरिक उपचार | पारंपरिक इलाज के संभावित दुष्प्रभाव* | होम्योपैथी के फ़ायदे |
---|---|---|
योनि में इस्तेमाल की जाने वाली गोलियां | - एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं - इस्तेमाल करना मुश्किल |
- कोई दुष्प्रभाव नहीं - इस्तेमाल करने में आसान |
कव करोधी | पुनरावृत्ति हो सकती है | पुनरावृत्ति कम होती है |
कॉटराइजेशन (दाग़ना) | आक्रामक | गैर-आक्रामक |
डॉ. बत्रा™ के यहां परिवर्ती स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हजारों महिलाओं का इलाज किया गया है, जिनमें से ज्यादातर ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) से पीड़ित थे। पिछले 35 सालों में, हमारे मरीजों में लगभग 90% की सफलता दर से काफी सुधार देखा गया है।
आम तौर पर महिलाएं श्वेत प्रदर के लिए केवल तभी चिकित्सीय सहायता प्राप्त करती हैं जब उनको अपने अंतर्वस्त्र बदलने पर मजबूर होना पड़ता है या तीव्र जलन का अनुभव, परेशानी तथा पेशाब करने की अत्यावश्यकता महसूस होती है।
हमारे चिकित्सक रोग की स्थिति तथा जोखिम कारकों को समझ कर उनकी पहचान करते हैं, और अंतर्निहित कारणों की जाँच करते हैं। वे मरीज के नए और पुराने संक्रमण को समझ कर उनके खाने-पीने के तौर-तरीकों और प्रतिरक्षा स्थिति का पता भी लगाते हैं। जीवनशैली की आदतों, स्वच्छता और निजी क्षेत्रों की देखभाल भी समस्या को बढ़ाने वाले कारक हो सकते है।
प्राकृतिक, होम्योपैथिक दवा बीमारी की अंतर्निहित स्थिति तथा शिकायतों की गंभीरता पर आधारित होती है; आवश्यक होने पर, हमारे चिकित्सक चिकित्सा बोर्ड के विशेषज्ञ चिकित्सक के पैनल से द्वितीयक राय भी लेते हैं।
दवाइयां संक्रमण को नियंत्रित करने, परेशान करने वाली शिकायतों को कम करने, पुनरावृत्ति को विलंबित करने और जटिलताओं को रोकने में सहायता करती हैं। चिकित्सक बार-बार होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए योनि की सही देखभाल के तरीके के बारे में मार्गदर्शन करते हैं।
मरीजों को स्वस्थ आहार व्यवस्था का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसके लिए पोषण संबंधी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
हमारे चिकित्सक एक सहायक और सहज वातावरण प्रदान करते हैं जिससे महिलाओं को अपनी शिकायतों के बारे में बताने में आसानी होती है।