एक्ज़ीमा के लक्षण
एक्ज़ीमा हर व्यक्ति में अलग-अलग ढंग का होता है।
एक्ज़ीमा के सभी प्रकारों में कुछ बातें आम तौर पर पाई जाती हैं जिनमें शामिल हैं:
- त्वचा में सूखापन, खुजलाहट;
- प्रभावित क्षेत्र में लालिमा, गर्मी और सूजन होना;
- त्वचा पर फुंसियां — आम तौर पर अनेक छोटी-छोटी फुंसियां;
- कभी-कभी उन फुंसियों या दानों में से पतले, पानी की तरह का स्राव निकल सकता है;
- कुरेदने की प्रबल भावना, जिससे प्रभावित क्षेत्र की त्वचा कई बार मोटी हो जाती है;
- लंबे समय तक बने रहने के कारण त्वचा काली पड़ जाती है;
- परतें बनना; और
- पपड़ी जमना।
मरीज़ के शरीर के किसी भी हिस्से में इस तरह की फोड़े-फुंसियां हो सकती हैं, लेकिन आम तौर पर जिन हिस्सों में इसका असर सबसे ज़्यादा दिखता है, वे निम्नलिखित हैं:
- घुटने, कोहनी, एड़ी — ख़ासकर उनके अंदरूनी भागों में;
- हाथों और पैरों में;
- चेहरे और गर्दन पर; और
- जहाँ पर त्वचा मुड़ती है।
बच्चों के शरीर के जिन भागों में इसका प्रभाव सबसे ज़्यादा दिखता है उनमें लंगोट बाँधने के स्थान, खोपड़ी, चेहरा, गर्दन और बाँहें शामिल हैं। भले ही ये लक्षण कुछ समय (चार सप्ताह से भी कम) के लिए दिखें लेकिन मरीज़ को एक्ज़ीमा का तीव्र प्रभाव अनुभव होता है, और फिर वह पूरी तरह गायब हो जाता है। जटिल एक्ज़ीमा में लक्षण लंबे समय तक दिखते हैं और इनके फिर से होने की संभावना बनी रहती है।
एक्ज़ीमा के सामान्य लक्षण
किन बातों का ध्यान रखें
- त्वचा से स्राव होना
- फोड़े-फुंसियां तेजी से बढ़ना
- तेज़ी से फैलाना
- ठीक न होना
एक्ज़ीमा के कारण
- अज्ञात
- भावनात्मक तनाव
- परिवार में एलर्जी या दमा का इतिहास
एक्ज़ीमा के साथ जीवन जीना
लंबे समय तक चलने वाले सभी त्वचा रोगों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है और एक्ज़ीमा कोई अपवाद नहीं है। रोगी में जो कुछ भावनात्मक लक्षण नज़र आते हैं, वे इस प्रकार हैं:
- एक्ज़ीमा के लक्षण दूसरों को भी दिखते हैं जिससे मरीज़ को काफ़ी शर्मिंदगी महसूस होती है और उसका पूरा ध्यान उसी पर रहता है।
- लगातार होने वाली खुजली वयस्कों और बच्चों दोनों के रोज़मर्रा के जीवन को समान रूप से प्रभावित करती है, जिसका बुरा असर उनके काम, नींद और अन्य आवश्यक गतिविधियों पर पड़ता है।
- एक्ज़ीमा के मरीज़ लगातार बहने वाले पीप और मवाद की सड़ांध से शर्मिंदगी महसूस करते हैं।
- संपर्क से होने वाले एक्ज़ीमा की वजह से महिलाओं को अपने रोज़ाना के कामकाज जैसे कपड़े, बर्तन आदि धोने में मुश्किल होती है, जिससे उन्हें परिवार के साथ सामंजस्य बिठाने में काफी कठिनाई होती है।
यदि ध्यान न दिया गया तो इस तरह की स्थितियां बन सकती हैं:
जीवन स्तर प्रभावित होना
- नींद की कमी और घर-बाहर के कामकाज में उत्पादकता की कमी
- स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव और स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों में बढ़ोतरी
- जिन वयस्कों को एक्ज़ीमा होता है वे खुद को लेकर शर्मिंदा रहते हैं और सामाजिक मेलजोल से डरते हैं
शारीरिक स्तर पर
- इरिथ्रोडर्मा (पूरी त्वचा पर दिखना)
- तेजी से मवाद निकलना
- झाइयां (पिंगमेंटेशन)
- लाइकेनिफिकेशन (त्वचा का मोटा होना)
- झाइयों निकलने के बाद भी जलन होना