तेहरान चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय केओरल मेडिसीन विभागने सन् 2008 में एक शोध किया था जिस में मुख केलाइकेन प्लैनस रोग के इलाज में होम्योपैथीदवाइग्नैशियाकीप्रभावोत्पादकताकोदर्शाया गया था।डॉ. बत्रा®में बीते 35 सालोंमेंलाइकेनप्लैनसके 10,000 सेअधिकमामलोंको ठीक करने की हमारी विशेषज्ञता और अनुभव हमारे मरीज़ोंकोश्रेष्ठतमइलाजकाभरोसादेतेहैं।
लाइकेन प्लैनस क्या है?
लाइकेनप्लैनसएकदीर्घकालिक जलनशीलऑटोइम्यून बीमारीहैजिसनेदुनियाकीलगभग 0.5 से 2% आबादीकोअपनीगिरफ़्तमेंलियाहै।यहगहरे, उभरेहुए, चपटी-सतह वाले घाव बनाता है जो जो ज्यादातर त्वचाको प्रभावित करता है लेकिन इसमें खोपड़ी, नाख़ून, मुखगुहाऔरकईमामलोंमेंजननांगभीशामिल हो सकते हैं।
लाइकेन प्लैनस न तो संक्रामक और न ही छूने से फैलने वालारोग है। दीर्घकालिक होने के अलावा, यह बीमारी कई बार कुछ समय के लिए घट जाती है (जब लक्षण पूरी तरह ग़ायब हो जाते हैं या उनकी तीव्रता कम हो जाती है) और फिर से उभर कर आती है (जब बीमारी के लक्षण बहुत ज़्यादा बढ़ जाते हैं)। इस वजह से कई बार परंपरागत इलाज में मरीज़ का अनुपालन अच्छा नहीं होता है।
यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों में देखी जा सकती है, यद्यपि यह युवावयस्कों और अधेड़ आयु के लोगों में अधिक दिखती है। हालांकि बच्चों और बुजुर्गों में भी यह बीमारी देखी जा सकती है। आम तौर पर लाइकेन प्लैनस पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है।
लाइकेन प्लैनस का मुख्य कारण अभी तक ठीक से समझा नहीं जा सका है। परंपरागत चिकित्सा पद्धतियांअधिकतर लक्षणों पर आधारित होती हैं। हालांकि, होम्योपैथी दवाएं मरीज़ की मनोदशा को काफी प्रभावित करती हैं, इस वजह से ये समस्या के इलाज में अधिक बेहतर परिणाम देती हैं।
लाइकेन प्लैनस के प्रकार
लाइकेनप्लैनसअलग-अलगलोगोंमेंअलग-अलगतरह से हो सकता है।कुछप्रकारइलाजपर अच्छापरिणाम देतेहैंजबकिअन्यमेंअधिकसमयलगताहै।घावकीउपस्थिति (औरउनके ख़ास स्थान) के आधार परलाइकेनप्लैनसकेकुछप्रकारों का वर्णन नीचे किया गया है:
- हाइपरट्रोफिक लाइकेन प्लैनस —लाइकेन प्लैनस के घाव मोटे हो जाते हैं और आमतौर पर हाथ-पाँव पर और ख़ासकर पिंडली पर दिखाई देते हैं। इन में बहुत खुजलाहट होती है;
- fफ़ॉलिकुलर लाइकेन प्लैनस (या लाइकेन प्लेनोपिलेरिस) — इसमें बालों के फॉलिकल्स प्रभावित होते हैं जहां बाद में दाग भी नज़र आते हैं। प्रभावित क्षेत्र के बाल झड़ने लगते हैं;
- लाइकेन प्लैनस एक्टिनिकस (एक्टिनिक लाइकेन प्लैनस) — मध्य-पूर्वदेशोंऔरभारतमेंगर्मियों के मौसम में यहबीमारीबहुतआमहै।चेहरे के बाहरी भागों, हाथकापिछलेहिस्से, बाँहोंऔरगर्दनकेपीछेकेभागपरपीलीकिनारियोंकेसाथगहरेघावबन जातेहैं;
- लाइकेनप्लैनसपिग्मेंटोसस —भारतमेंइसकाएकऔरआमप्रकारदिखताहै, जिसमेंसूरजकेसंपर्कमेंआनेवालेहिस्सोंमेंऔर त्वचा के मुड़ने वाले भागों में गहरे-भूरेरंग के चकत्तेबनजातेहैंऔरयहशरीरकेऊपरीहिस्सेमेंफैलने लगते हैं;
- एन्युलरलाइकेनप्लैनस — यहमुख्यरूपसेपुरुषजननांगोंमेंहोताहै, लेकिनत्वचाकेमुड़ने वाले भागों जैसेकाँखऔरपेटतथाजाँघकेबीचकेभागकेमोड़परहोताहै, इसमें दाद-खाजकेछोटे-छोटेगोलाकारचकत्तेदिखाई देतेहैं;और
- लीनियरलाइकेनप्लैनस — यहघावसीधीरेखामेंहाथ-पाँवतकफैलजाताहै।इसकीवजहसेकाफ़ी परेशानी याखुजलीभीहोसकतीहै (केबनर्स फिनोमेना)।
इनकेअलावा, लाइकेनप्लैनसकेकुछअन्यप्रकारभीहैंजोकभी-कभारनज़रआतेहैं, जैसेबुलस, अल्सरेटिवऔरऐट्रोफ़िकलाइकेनप्लैनस।