अपने धब्बों को छिपाएँ नहीं, उन्हें स्वाभाविक रूप से ठीक करें

प्राकृतिक और सुरक्षित दवाओं के साथ

विटिलिगो लक्षण

जहां तक त्वचा पर सफ़ेद दाग बनने और इसके कारणों की बात है, यह अत्यंत अप्रत्याशित है। कुछ मामलों में काफी तेज प्रगति अनुभव की जाती है जहां यह शरीर के बड़े क्षेत्रों में काफी तेजी से फैलता है जबकि कुछ मामलों में कुछ छोटे-छोटे धब्बे हो सकते हैं जिनमें समय के साथ ज्यादा बदलाव नहीं होता है। नये धब्बे बनने के सक्रिय चरण के बाद एक ऐसा चरण आ सकता है जिसमें कोई नया धब्बा नहीं बनता है।

प्रभावित क्षेत्रों में स्पर्श की सामान्य संवेदनशीलता और दर्द का अनुभव बना रहता है; हालांकि, कई मामलों में सूरज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यहां तक कि प्रभावित क्षेत्रों (त्वचा, खोपड़ी, दाढ़, भौहों, पलकों आदि) पर के बालों का रंग भी गायब हो सकता है।

समय के साथ, विटिलिगो के कुछ धब्बों में अपने आप फिर से रंग भर सकते हैं।

विटिलिगो के धब्बे शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकते हैं, यद्यपि सूरज के संपर्क में आने वाले क्षेत्र, त्वचा के मोड़ों के पास (जैसे उरुसंधि, कांख), शरीर के छिद्रों के आसपास के क्षेत्र या पिछली चोट के स्थान आम तौर पर प्रभावित होते हैं। विटिलिगो के रोगियों में शरीर पर देखे जाने वाले प्रभाव के कुछ सामान्य पैटर्न निम्नलिखित हैं:

  • फोकल : धब्बे शरीर के विशेष क्षेत्रों तक सीमित होते हैं;
  • सेगमेंटल : धब्बों का फैलाव सामान्यतः असमान होता है जो शरीर के एक तरफ के भागों को प्रभावित करता है;
  • सिमेट्रिकल : शरीर पर दोनों तरफ़, एक समान धब्बे;
  • सामान्य : पूरे शरीर में व्यापक रूप से फैले हुए धब्बे;
  • हड्डियों की प्रमुखता वाले स्थानों पर : जोड़ों के निकट की त्वचा प्रभावित होती है;
  • लिप-टिप विटिलिगो : ऐसा विटिलिगो जो होठों, हाथ-पैरों की उंगलियों के सिरों तक सीमित होता है; और
  • जनन अंग का विटिलिगो : शरीर के गुप्त अंग प्रभावित होते हैं।

विटिलिगो के भावनात्मक लक्षण

विटिलिगो के साथ जीना बहुत कठिन हो सकता है। चूंकि धब्बे अक्सर प्रत्यक्ष होते हैं, लोग अक्सर गलती से इसे कुष्ट रोग समझ लेते हैं और रोगी का इलाज समाज से परित्यक्त व्यक्ति की तरह करने लगते हैं। विटिलिगो से पीड़ित लोग सामाजिक तौर पर अस्वीकृत किये जाने के भय से काफी आहत होते हैं। यह भावनात्मक रूप से विध्वंशकारी हो सकता है और व्यक्ति की अपनी छवि खराब होने का कारण बन सकता है।


Testimonials

As a vitiligo patient you have to be extremely patient with results. I have been taking homeopathic medicines since 2008 for vitiligo and since May 2016 with Dr. Batra's. The results maybe slow which they always are, but there has been steady progress under the close observation of Dr. Anagha and her able staff at the Baner clinic. Living overseas i have always managed to keep my stock of medicines intact due to the co-operative nature and understanding of the staff at the Dr. Batra's Baner clinic. Appointments are available at a short notice. After trying allopathic for over 3 years and due to its side effects like over pigmentation of patches and dark spots appearing on normal skin patches, I shifted to homeopathic for treatment of Vitiligo. I am completely satisfied with the results and very much confident that this will be overcome over a period of time, thanks to Dr. Batra's clinic.

Quotes
Siddharth Kishorekumar

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