एक नज़र - मस्सा
मस्से (वेरुका) त्वचा पर छोटे, गैर-कैंसरकारी, सामान्यतः पीड़ाहीन उभार हैं। ये मानव पेपिलोमा नामक विषाणु के कारण होते हैं। हालांकि मस्से हानिरहित होते हैं, लेकिन रूप बिगाड़ने वाले होते हैं जिससे आत्मविश्वास में कमी आती है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- मस्से संक्रामक प्रकृति के होते हैं।
- ये सामान्यतः बच्चों में, ख़ासकर 12 से 16 वर्ष तक पाए जाते हैं।
कुछ प्रकार के मस्सों में खुजली या दर्द भी होता है। कुछ मामलों में मस्से बिना किसी उपचार के अनायास गायब हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर में सही उपचार आवश्यक होता है। उपचार की प्रतिक्रिया भिन्न होती है। कुछ मस्से आसानी से ठीक हो जाते हैं, जबकि अन्य को दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता होती है। मस्से संक्रामक होते हैं, इसलिए आसानी से फैलते हैं, लिहाजा इनका शीघ्र उपचार आवश्यक होता है।
पारंपरिक इलाज में मस्सों के मूल कारण को लक्ष्य नहीं बनाया जाता है; हालांकि ये गायब होते नजर आते हैं लेकिन अक्सर फिर से आ जाते हैं। होम्योपैथी के प्रामाणिक उपचार से मस्सों का जड़ से इलाज संभव है, जिससे भविष्य में इनकी पुनरावृत्ति नहीं होती। डॉ. बत्रा® में हमने बड़ी संख्या में मस्से के रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
मस्से क्या हैं?
जैसा कि पहले बताया गया है, मस्से त्वचा पर छोटे, गैर-कैंसरकारी उभार होते हैं जो माप, आकार तथा रंग में भिन्न हो सकते हैं। मस्से मानव पेपिलोमा नामक विषाणु के कारण होते हैं। यह विषाणु त्वचा की ऊपरी परत को तेजी से बढ़ने के लिए उत्तेजित करता है, जिससे मस्से का निर्माण होता है।
आम तौर पर मस्से त्वचा के रंग के होते हैं, हालांकि वे अधिक गहरे या हल्के भी हो सकते हैं। मस्सों की सतह चिकनी या कठोर हो सकती है। यहाँ तक कि आकार भी काफी भिन्न हो सकते हैं; कुछ मस्से चपटे, बड़े एवं मोटे होते हैं, तथा कुछ पतले, लंबे एवं गोलाकार हो सकते हैं।
मस्से शरीर के किसी भी भाग में हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- हाथ;
- पैर (विशेष रूप से तलवे)
- जननांग (गुप्तांग)
- चेहरा और गर्दन
मस्से एक समय पर एक या गुच्छों में हो सकते हैं। ये आम तौर पर पीड़ा रहित होते हैं, लेकिन यदि मस्से तलवों (पदतल मस्से) पर होते हैं तो ये पीड़ादायक हो सकते हैं।
बच्चे एवं युवा वयस्कों को मस्से होने का खतरा अधिक होता है। मस्सों की संक्रामक प्रकृति के कारण ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाते हैं। ये शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भी आसानी से फैल जाते हैं।
मस्सों का इतनी आसानी से फैल जाने का एक आम कारण यह है कि लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए इनको काटकर निकाल देते हैं, या अन्य किसी साधन का इस्तेमाल करते हैं जिनसे मस्से का केवल एक हिस्सा निकल पाता है। मस्से के बचे हुए भाग के कारण शरीर के अन्य भागों तथा अन्य लोगों को विषाणु फैलने का खतरा अधिक होता है।
मस्से अक्सर कुछ महीनों या वर्षों में अपने आप गायब हो जाते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि ऐसा हमेशा हो। कुछ मस्से ‘जिद्दी’ होते हैं और कठिन उपचार के बावजूद गायब होने में लंबा समय लेते हैं।