मस्सों - प्रकार
पदतल
पेरीयुंगल
सामान्य
चपटा
चिकित्सकीय प्रक्रिया में कई प्रकार के मस्से देखे जाते हैं। कुछ सामान्य प्रकारों को नीचे सूचीबद्ध किया गया हैं:
सामान्य मस्से
सामान्य मस्से आम तौर पर भूरे रंग से लेकर शरीर के रंग के होते हैं; ये उभरे हुए फोड़े के रूप में होते हैं जो आकार में एक पिन के ऊपरी भाग से लेकर लगभग 10 मिमी की चौड़ाई तक भिन्न होते हैं। ये आम तौर पर रुखे, सींग की तरह के उभारों से ढंके होते हैं और आमतौर पर हाथ तथा पैर पर, विशेष रूप से नाखूनों के आसपासदेखे जाते हैं। जैसे कि नाम से पता चलता है, ये सबसे सामान्य प्रकार के मस्से हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।
चपटे मस्से
सामान्य मस्सों की तुलना में, ये मस्से छोटे तथा त्वचा पर कम उभरे हुए होते हैं। येशरीर के रंग के या हल्के सफेद हो सकते हैं तथा चिकने दिखाई दे सकते हैं (सामान्य मस्सों के विपरीत जो रुखे दिखाई देते हैं)। चपटे मस्से आम तौर पर पिन के ऊपरी भाग के आकार के होते हैं तथा गुच्छों में दिखाई दे सकते हैं। चपटे मस्से आम तौर पर चेहरे और पैरों पर होते हैं। जब ये चेहरे पर होते हैं तो बहुत तेजी से फैलते हैं, विशेष रूप से दाढ़ी बनाने जैसी गतिविधियों के साथ। चपटे मस्से किशोर एवं वयस्क दोनों में देखे जाते हैं।
धागे के समान मस्से
जैसे कि नाम से पता चलता है, धागे के समान मस्से लंबे, पतले तथा रेशेदार मस्से होते हैं। ये चमड़े के रंग के उभार चेहरे तथा गर्दन को प्रभावित करते हैं। ये आम तौर पर गुच्छे में नजर आते हैं तथा तेजी से बढ़ने की प्रवृत्ति रखते हैं। धागे के समान मस्से भी आसानी से फैलते हैं, विशेष रूप से चेहरा पोंछने वाले तौलिए या चेहरे से जुड़े उत्पादों को दूसरों के साथ बांट कर इस्तेमाल करने से। यदि इन्हें गलती से रगड़ या खरोंच दिया जाता है ये उग्र हो सकते है और इनमें से खून भी निकल सकता है।
पदतल मस्से
पदतल मस्से मस्सों के दर्दनाक प्रकार हैं जो पैरों के तलवों पर होतेहैं। इनके पच्चीकारी (मोजाइक) जैसे आकार के कारण इन्हें अक्सर पच्चीकारी (मोजाइक) मस्से कहा जाता है। ये तलवों की त्वचा में बढ़ते हैं जिसकी वजह से इनका उपचार करना कठिन होता है। पदतल मस्सों के बीच के हिस्से में अक्सर एक छोटा-सा बिंदु होता है जो बंद रक्त वाहिकाओं के कारण बनता है। पदतल मस्सा होने की वजह से चलने-फिरने में काफी दर्द होता है।
जननांग के मस्से
ऐसे मस्से जो जननांग क्षेत्र को प्रभावित करते हैं उन्हें जननांग का मस्सा कहा जाता है, और ये सबसे आम यौन संचारित रोगों में से एक हैं। ये सामान्यतः पुरुषों में लिंग पर और महिलाओं में योनिमुख, योनि और गर्भाशय ग्रीवा पर होते हैं। कभी-कभी मस्से पुरुषों और महिलाओं दोनों में गुदे के साथ-साथ जाँघों के क्षेत्रों में भी फैल सकते हैं।
जब इनके स्वरूप की बात आती है तो जननांग के मस्से चपटे, उभरे हुए फोड़े या फूलगोभी की तरह उभरे हुए होते हैं जो आम तौर पर चमड़े के रंग के होते हैं। ये आकार में छोटे हो सकते हैं जिसके कारण इनका पता लगाना मुश्किल होता है; अन्य मामलों में ये बड़े और खुजली वाले हो सकते हैं। प्रभावित क्षेत्र में कोमलता या जलन हो सकती है। यदि जननाग के मस्से गर्भाशय ग्रीवा पर हों तो महिलाओं को संभोग के बाद खून बहने का अनुभव हो सकता है।
जननांग के मस्से एक अकेले फोड़े के रूप में या गुच्छों में हो सकते हैं। वे अत्यधिक संक्रामक होते हैं, और यौन संबंध (योनि या गुदा संबंधी) या मुँह-जननांग के संपर्क (मुख मैथुन)के जरिए आसानी से फैलते हैं। जननांग के मस्से शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से आसानी से नहीं फैलते हैं; इनके फैलने के लिए सीधा शारीरिक संपर्क होना आवश्यक होता है। साथी के जननांग के मस्सों के प्रारंभिक संपर्क में आने के बाद व्यक्ति को उसी हफ्ते या आगामी कुछ महीनों या वर्षों में मस्से हो सकते हैं। ये स्वभाव में बार-बार होने वाले होते हैं, और प्रभावित व्यक्ति में अक्सर इन्हें फैलते हुए देखा जाता है।