कब्ज़ - एकनज़र
कब्ज़एकऐसीसमस्या हैजिसमेंमरीज को सामान्यसेकमशौच होता है याउनका मलोत्सर्ग सामान्यसेअधिक मुश्किल होजाताहै।चिकित्सकीयभाषामेंकब्ज़ कोएक क्रियात्मक विकार माना जाता है जिसकी वजह से शौच करने के दौरान अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अमाशयसेमलनिकलनेमेंकठिनाईहोतीहै, मलपूरीतरहनहींनिकलपातायाबहुतकड़ाशौच होताहै।
अगर किसीको सप्ताहमेंतीनबारसेकमशौच होता हैतोउसेचिकित्सकीयभाषामेंकब्ज़कहतेहैं।जिनमरीजोंकोकब्ज़कीशिकायतहोतीहैवेकेवलतभीमलत्यागकरसकतेहैंजबउन्हेंमलत्यागकीज़रूरतमहसूसहोतीहै।जब मलत्याग की जरूरत महसूस नहीं होती है उस समय मलत्याग करना बहुत मुश्किल होता है। कब्ज़का संबंध नकेवलसीमित मलोत्सर्ग या कममलोत्सर्ग से हैबल्कियह मनोवैज्ञानिकतथाकईअन्य चिकित्सकीयसमस्याओं सेभीजुड़ा हो सकता है।
कब्ज़कईबारव्यक्तिकोसामान्यतरीकेसेकामनहींकरनेदेता।इसकी वजह से वहअपनेरोजमर्रा केकामकाजआसानीसे नहींकर पाता है।ज्यादातर लोग दीर्घकालिक कब्ज़कीसमस्या से पीड़ित होते हैं जबकिकुछलोगों मेंयहअचानकविकसितहो सकताहै, जिस पर तुरंतध्यानदेनाज़रूरीहोजाताहै।कब्ज का संबंध अनियमित शौच की आदतों, आहार, हार्मोन, दवाओं तथा बड़ीआँतयानी कॉलन कीकुछबीमारियोंसे होता है।
कब्ज़ अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरीके से हो सकता है; इस वजह से कब्ज होने के कारणों को जानने के लिए मरीज़ की जीवनशैली और मनोवैज्ञानिक कारकों को समझना बहुत ज़रूरी है। कब्ज़से पीड़ित हर मरीज़ हर तरह के चिकित्सा उपाय को आज़माते हैंजिसमें लैग्जेटिव यानी मल को ढीला करने वाली दवाका उपयोग करना भी शामिल है। निराशा तब बढ़ जाती है जब कब्ज़ इतना बिगड़ जाता है कि कुछ लोगों को अक्सर एनिमा लेने की जरूरत होती है या मैनुअल तरीके से मल को निकालना पड़ता है।