ब्रोंकाइटिस – लक्षण
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने कहा था, ‘प्यार, खांसी और धुंए को छुपाया नहीं जा सकता।’ वास्तव में अगर आपको ब्रोंकाइटिस है तो आप इसे छुपा नहीं सकते क्योंकि आपको प्रत्यक्ष रूप से खांसते हुए देखा जाएगा। खांसी अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार की ब्रोंकाइटिस का प्रारंभिक लक्षण है, हालांकि बाकी प्रस्तुतियों में काफी अंतर होता है।
अल्पकालिक ब्रोंकाइटिस:
अल्पकालिक ब्रोंकाइटिस (एक्यूट ब्रोंकाइटिस) आम तौर पर सामान्य सर्दी के दौरे से शुरू होता है – यह अक्सर उसी वायरस के कारण होता है जो सर्दी लाता है। इसके दौरे आम तौर पर 6 हफ़्तों की अवधि में समाप्त हो जाते हैं। शुरूआत में इसके लक्षणों में शामिल हैं:
- गले में खराश
- नाक बहना, भरा होना
- बुखार
- शरीर में दर्द
- थकान
- बाद में ये लक्षण बढ़कर निम्नलिखित लक्षणों में परिवर्तित हो सकते हैं:
- साफ़ बलगम के साथ खांसी से शुरुआत
- मरीज में आगे की अवधि के दौरान पीले या हरे रंग के बलगम विकसित हो सकते हैं (जो बैक्टीरिया संक्रमण का संकेत है)
- साँस लेने में तकलीफ, साँसों में घरघराहट
- छाती में अकड़न या दर्द
- अत्यधिक और जबरन खांसी यहाँ तक कि पेट की मांसपेशियों में पीड़ा का कारण बन सकती है
- निम्नस्तरीय बुखार
- कभी-कभी संक्रमण दूर हो जाने के बाद भी, मरीज को अभी भी सूखी खांसी हो सकती है को कुछ समय तक बनी रह सकती है।
दीर्घकालिक ब्रोंकाइटिस:
दीर्घकालिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण लंबी अवधि तक बने रहते हैं और बार-बार उत्पन्न होते हैं:
- खांसी–जिसे आम तौर पर ‘धूम्रपानकर्ता की खांसी’ कहा जाता है, यह लगातार 2 वर्षों तक वर्ष में कम से कम 3 महीनों के लिए बनी रहती है।
- मरीज काफी मात्रा में थूक (बलगम) पैदा करते हैं जो कभी-कभी खून से रंगी हो सकती है।
- साँस लेने में तकलीफ हो सकती है जो साँस छोड़ने पर अधिक बिगड़ सकती है।
- एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली मरीज को अल्पकालिक संक्रमण के प्रति संवेदनशील बना सकती है।
- थकान
- साँसों में घरघराहट