मुँहासे - प्रकार
मुँहासों का सामाजिक प्रभाव
मुँहासों का किसी के जीवन के प्रति दृष्टिकोण पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है, जिस पर लोग आजकल बहुत अधिक ध्यान देने लगे हैं। मुँहासों के मनोवैज्ञानिक प्रभावों की जाँच के लिए इस पर बहुत सारे अध्ययन किए गए हैं, अर्थात
- आत्मसम्मान में कमी;
- समाज से दूरी;
- खराब शारीरिक छवि;
- आत्मविश्वास में कमी;
- निराशा;
- गुस्सा और हताशा; तथा
- अपने शारीरिक स्वरूप को लेकर चिंता।
ये अक्सर आपस में जुड़े होते हैं तथा समय पर अगर इन्हें नहीं रोका गया तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। इनकी उपस्थिति से व्यक्ति अपने कार्यस्थल पर या व्यक्तिगत जीवन में अवसरों का लाभ नहीं उठा पाता।
इसलिए, मुँहासे का उपचार अवश्य कराना चाहिए और इसका लक्ष्य केवल इस रोग को ठीक करना नहीं बल्कि अपने आत्मसम्मान में सुधार करना भी होना चाहिए।
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